Friday, August 31, 2018

एशियन गेम्स 2018: मंजीत ने लगाई 800 मीटर की स्वर्णिम रेस

जकार्ता एशियाई खेलों में भारत के मंजीत सिंह ने 800 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीता. भारत के ही जिनसन जॉनसन दूसरे स्थान पर रहे और सिल्वर मेडल अपने नाम किया.
मंजीत ने एक मिनट 46.15 सेकंड का समय निकाल, जबकि जॉनसन ने एक मिनट 46.35 सेकंड का समय लिया.
800 मीटर की हीट में जॉनसन एक मिनट 47.39 सेकंड के साथ मंजीत से आगे रहे थे. जॉनसन ने इसी साल जून में श्रीराम सिंह का 42 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा था.
हरियाणा के जींद निवासी मंजीत और जॉनसन की रेस तकरीबन फोटो फिनिश रही.
हालाँकि ये पहला मौका नहीं था जब मंजीत ने केरल के जॉनसन को पछाड़ा है. मंजीत इससे पहले भी 2013 में पुणे में जॉनसन को शिकस्त दे चुके हैं.
क़तर के अबू बकर अब्दुल्लाह ने स्पर्धा का कांस्य पदक हासिल किया.
एशियाई खेलों में ये तीसरा मौका है जब भारत ने 800 मीटर स्पर्धा में दो मेडल जीते हैं. 1951 में रंजीत सिंह ने गोल्ड और कुलवंत सिंह ने सिल्वर मेडल जीता था. एशियाई खेलों में भी 800 मीटर स्पर्धा में भारत के दलजीत सिंह ने सिल्वर मेडल जीता था, जबकि कांस्य पदक अमृत पाल के हिस्से आया था.
खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने मंजीत को बधाई दी है और कहा है कि वह चौथे नंबर पर थे और आखिरी के 50 मीटर में फर्राटा भरते हुए उन्होंने सोना जीत लिया.
मोहम्मद अनस, एमआर पूवम्मा, हिमा दास और अरोकिया राजीव ने चार गुणा 400 मीटर मिक्स्ड रिले रेस में सिल्वर मेडल हासिल किया. इस स्पर्धा का गोल्ड मेडल बहरीन के नाम रहा.
भारत अभी तक जकार्ता एशियाई खेलों में 9 स्वर्ण, 19 सिल्वर और 22 ब्रॉन्ज मेडल जीत चुका है. इसके साथ ही भारत के मेडल की संख्या 50 पहुँच गई है.शियन गेम्स-2018 में भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु इतिहास रचते-रचते चूक गईं.
ताइवान की ताई ज़ू यिंग ने बैडमिंटन के महिला एकल के फाइनल में सिंधु को सीधे गेम में 21-13, 21-16 से मात दी.
खेल के दौरान सिंधु की छोटी-छोटी ग़लतियां उन्हीं पर भारी पड़ गईं. सिंधु के पास जब मौक़े आए तो उन्होंने उसका फ़ायदा नहीं उठाया. ताइवान की ताई ज़ू यिंग वर्ल्ड नंबर वन खिलाड़ी हैं और उन्होंने इस मैच में ख़ुद को साबित भी किया.
हालांकि इसके बावजूद एशियन गेम्स 2018 में पीवी सिंधु और सायना नेहवाल ने इतिहास रचा है. 1982 में सैयद मोदी के बाद बैंडमिंटन में पहली बार दोनों ने भारत को मेडल दिलवाया है. सैयद मोदी को 1982 में कांस्य पदक मिला था. मीफ़ाइनल में 23 साल की सिंधु जापान की अकाने यामागुची को हराकर फ़ाइनल में पहुंची थीं. सेमीफ़ाइनल में विश्व बैडमिंटन में तीसरे नंबर की खिलाड़ी सिंधु ने जापान की अकाने यामागुची 21-17 15-21 21-10 से हराया था.
महिला बैडमिंटन में भारत का प्रभाव दुनिया भर में बढ़ा है. इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि महिला एकल बैडमिंटन में रजत पदक सिंधु को मिला और कांस्य सायना नेहवाल को.
सिंधु ओलंपिक में रजत पदक जीत चुकी हैं.
बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु दुनिया की 7वीं सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली महिला खिलाड़ी हैं. फोर्ब्स ने दुनिया में सबसे ज़्यादा कमाने वाली महिला खिलाड़ियों की सूची तैयार की है.
रियो ओलंपिक में भारत को रजत पदक दिलाने वाली पीवी सिंधु ने जून 2017 से जून 2018 के बीच 85 लाख डॉलर कमाए. इसमें इनाम में जीती राशि और विज्ञापन की फ़ीस भी शामिल है. फ़ोर्ब्स की सूची में सबसे ऊपर टेनिस स्टार सेरेना विलियम्स का नाम है.
सिंधु को 23 साल की उम्र में ही राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड और पद्म श्री से सम्मानित किया जा चुका है.
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